गलियां मेरे गांव की

देखे हैं शहर दुनिया के यहां शोर तालियों के

आओ मिलाऊं तुम्हें दोस्त मेरे गांव की गलियों से

कच्चे पक्के घर हैं यहां, रस्ते हैं पहेलियों से

आओ मिलाऊं तुम्हें दोस्त मेरे गांव की गलियों से

बच्चों ने यहां खेल खेल में, बनाए हैं निशान

कहीं सफेद खड़िया, कहीं कोयले की डलियों से

आओ मिलाऊं तुम्हें दोस्त मेरे गांव की गलियों से

टूटी सी बैलगाड़ी रास्तों पर खड़ खड़ाए

आती है भीमी सी खुशबू गेहूं की बालियों से

आओ मिलाऊं तुम्हें दोस्त मेरे गांव की गलियों से

यहां खेलता है बचपन मिट्टी में घर बना कर

पक्षी है चह चहाते पेड़ों की डालियों पे

आओ मिलाऊं तुम्हें दोस्त मेरे गांव की गलियों से

Maa Vs Muhabbat

Hath pakar k jisne, duniya dikhai nyari.
Apni khusiyon ko tak p rakh,

hame khusiyan dilai sari.

Aj vakt hai maa k,

upkar chukane ka.

Fir kyo mujhe maa nahi,

apni muhobbat hi lagi pyari.

Aaj aur abhi se uski,

yaden bhulana hai.

Jisne di hai jindgi hame,

Ab se vahi bas jannat hai hamari.

Vada hai jindgi ko,

Muskura k jiyenge.

Maa ko milta hai sukh,

Agar jiye muskura kar uski bitiya dulari.